इंसान को अपनी रहेने वाली जगह के बारेमे कुछ बातओ का पता रहेने के साथ साथ उस चिजका मौजूद होना भी जरुरी है। आचार्य चाणक्य कहेते है, वो खतरनाक जगह है जहाँ यह ६ चीजें ना हो।
१. जहाँ पर धनवान ब्यक्ती ना हो
आचार्य चाणक्य कहेते है जहाँ पर धनवान ब्यक्ति रहेते है वहा पर आम लोगो को धन से जुडी समश्या अधिक नहीं होती है। आजके जमानेमे धनवान ब्यक्ति के कारण ही देश की अर्थ ब्यवस्था टिकी हुई है। बिना उनके साधारण मनुष्य अपनी दैनिक दिन चर्या नहीं चला सकते है।
आज जो शिक्षा, बिकास, ऑफिस, फैक्ट्री इत्यादि के दर जो तिब्र गति से बढ रहा है, वो सब धनवान ब्यक्ति वो के धन के कारण ही है। इसी लिए हर सामाज मे अशल धनवान मनुष्य का होना अत्यन्त आवयश्यक है।
२. जहाँ वेदज्ञ ब्राह्मण व शिक्षक ना हो
जिस स्थान पर वेद के ज्ञाता ना हो, शिक्षा देना वाला शिक्षक ना हो वहाके लोग धार्मिक, आत्मिक और जीवीका पार्जित ज्ञान से बन्चित रहेते है। इश्के अभावसे लोगो मे ज्ञान की कमी और जीवन मे निरुत्साहिता के कारण जिवन ईच्छा निरर्थक होने लगती है।
इसी लिए वेदज्ञ ब्राह्मण व शिक्षक रहित जगह पर कभीभी निवास ना करे।
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३. जहाँ पर धार्मिक व न्याय शील कानून ना हो
जिस जगह पर जीवन रक्षा हेतु, धर्म स्थापना के लिए कार्यरत कानून ना हो वहाकि जनता सुरक्षित नही रह सक्ती है। स्त्रिया पूजनीय नही मानी जाती है। वो केवल उपभोक या खेलने की बस्तु मानी जाती है।
जहाँ पर स्त्री पूजी और सम्मान की जाती हो वही पर असली धर्म और न्याय की स्थापना हो सक्ती है। जहाँ न्याय है वही नारायण है, ऐसा चाणक्य का कहेना है।
४. जहाँ कृषि के सिचाई के लिए नदी व जल श्रोत ना हो
किसान के मुख्य आय श्रोत कृषि होती है, और पूरा देश किसान पर निर्भर होता है, लेकिन किसान खेती के लिए मुख्यतया सिचाई पर आश्रित होते है।
इसी लिए कृषि पेशा करने की मन्सा रखने वाले मनुष्य पहेले पानी की श्रोत को देखे, और उसके बाद ही उस जगह पर रहेनेकी बारेमे सोचे।
५. जहाँ पर बैध व डोक्टर ना हो
मनुष्य एक नश्वर प्राणी है। इसी लिए वो जीवन मे अनेक बीमारियोसे घिरा हुवा होता है। बीमारिकी ईलाज के लिए हमे बैध व डोक्टर की जरुरत पडती है।
बीमार आदमी यदि समय पर उपचार करके सही औषधि उपलब्ध ना कराया जाये तो, उसकी असमायिक मृत्यु हो सक ती है। इसी लिए बैध व डोक्टर रहित जगह पर रहेना खतरेसे खाली नही है।
६. जहाँ दान देनेकी प्रबृत्ति ना हो
जिस स्थान पर मनुष्य मे दया की भावना ना हो, वहाके मनुष्य आपत्ती कालमे बहोत समस्याओका सामना कर्ना पड सक्ता है, यहाँ तक की उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
दान देने से ही मनुष्य मे दया की भावना उत्पन्न होती है। जहाँ दया है वहाँ धर्म है, जहाँ धर्म है वहाँ न्याय है, और जहाँ न्याय है वहाँ जीवन है।
इसी लिए जब भी आप अपना निवास स्थान बनाए तो इन छ चीजोका ध्यान रख्ते हुवे जीवन मे पालना अवश्य करे।
आशा है यह पृष्ठ पढने के बाद आपको "वो खतरनाक जगह है" के बारे मे मालूम हो गया होगा। अगर आप इसके बारे मे कुछ कहना चाहते है तो कमेंट बॉक्स में ज़रूर लिखे।
Pdf info of "वो खतरनाक जगह है"
- Size: 841 KB
- length: 12 Pages
- Category: Chanakya Niti
- Readable: Desktop & Mobile
- Author: Basudev Yadav
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